आधुनिक युग भौतिकवादी है, इसमे नित बढ़ते आपराधिक मामले, नृशंश हत्याएं, नशाखोरी, भ्रष्टाचार व अपने कर्तव्यों के प्रति विमुखता की गर्म हवाएं प्रखर रूप में प्रवाहमान हो रही हैं| ऐसे में छात्रों की रक्षा हेतु विद्यालयी शिक्षा पदधति ही 'रक्षा - कवच' है| किसी भी राष्ट्र के भविष्य निर्माता अगर सच्चे गुरुजन हैं तो उनके आदर्शों को समाज में फलीभूत करने का पूरा श्रये इन युवाओं को है | युवा ही प्रत्येक राष्ट्र के 'कर्णधार' होते हैं |
Read Moreशिक्षा एक ऐसा विषय है जिसका क्षेत्र केवल किसी राष्ट्र विशेष तक ही सीमित नहीं होता। शिक्षा का महत्व सार्वभौमिक है और इसका सीधा संबंध मनुष्य के मस्तिष्क और उसके हृदय से है। शिक्षा व्यक्ति की गरिमा की पोषक तथा मानवता के आत्मिक पक्ष की परिचायक है। शिक्षा के द्वारा ही हम किसी व्यक्ति या समाज की उन्नति या अवन्नति की पहचान करते हैं।
Read Moreबच्चे उर्वरभूमि पर लहलहाती फसलों के सदृश हैं, जिस पर किसी भी राष्ट् की आधारशिला निर्धारित होती हैं। राष्ट्र् के भविष्य की बुनियाद बच्चें होते हैं। ये उस राष्ट्र्रुपी वृक्ष की जडें हैं जो नइ पीढ़ी को कार्य, आराधना तथा विद्वता के फल प्रदान करता है। इन बच्चों को भविष्य की लम्बी राह तय करनी है तथा राष्ट्र् को सफलता के मार्ग पर ले जाना है।
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